यह अनुष्ठान महा रुद्राभिषेक कहलाता है और यह ग्यारह दिनों तक चलता है, तथा इसे ग्यारह शास्त्री या पुरोहित सम्पन्न कराते हैं। सभी शास्त्री इस दौरान भक्तजनों को लगातार दिशा-निर्देश देते हैं। यह प्रातः काल और सायंकाल को किया जाता है, और इसमें शिवलिंग को फूल और दूध चढ़ाया जाता है।