लाखबिल्वार्चना

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी

Mangla Aarati
  • उक्त शुल्क में केवल मंदिर शुल्क ही शामिल है, जिसमें मंदिर की अनुष्ठान प्रक्रिया पूरी करी जा सकेगी।
  • श्रद्धालुओं को एक लाख बेल-पत्र लाना होगा, जिसे उन्हे स्वयं भगवान शिव को अर्पित करना होगा।

लाखबिल्वार्चना

इस विधि में श्रद्धालु जन एक लाख बेल की पत्तियां आराध्य को चढाते हैं, यह बेल पत्र मंदिर के बाहर मिल जाते हैं। बेल पत्र न केवल शुभ माने जाते हैं बल्कि भगवान शिव को चढ़ाई जाने वाली विशेष सामग्री है। तीन-भागों वाली बेल की पत्तियां हिन्दू धार्मिक मान्यता में त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश या शिव) की द्योतक हैं। इन पत्तियों को मंत्रोच्चार के बीच चढ़ाया जाता है।