हर दिन महारुद्र पूजा सुबह 4:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक की जा सकती है।
उक्त शुल्क में केवल मंदिर शुल्क ही शामिल है, जिसमें मंदिर की अनुष्ठान प्रक्रिया पूरी करी जा सकेगी।
उक्त निर्धारित शुल्क केवल एक परिवार के लिए मान्य होगी।
पूजा के दौरान, महारुद्र के लिए उक्त निर्धारित मंदिर शुल्क में केवल 5 लीटर तक का दूध अर्पित करने की अनुमति है।
श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है की वे स्वयं "पूजा सामग्री" लाने का कष्ट करें, अन्यथा यहां पर "पूजा सामग्री" के निर्धारित शुल्क का भुग्तान करें।
पण्डित/पुरोहित को दिए जाने वाले दान का वहन श्रद्धालू स्वयं करें।
रुद्राभिषेक (5 शास्त्री)
इस रुद्राभिषेक में पांच शास्त्री या पुरोहित अनुष्ठान के दौरान उपस्थित रहते हैं। इसमें शिवलिंग पर एक पात्र से लगातार जल गिराया जाता है और वैदिक मंत्रोच्चारण होता है। आराध्य को कमल के फूलों, गुलाब व हरे बेल पत्रों से सजाया जाता है।