कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में

कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन प्रति वर्ष जून से सितम्बर माह तक कराया जाता है, और यह दो रास्तों से होकर जाती है – लिपुलेख दर्रे से (उत्तराखंड हो कर) तथा नाथू-ला दर्रे से (सिक्किम हो कर)।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को अपने धार्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। प्रति वर्ष सैकड़ों यात्री इस यात्रा में शामिल होते हैं। कैलाश पर्वत और पवित्र मानसरोवर झील हिन्दू धार्मिक मान्यताओं का अटूट हिस्सा है। कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, तथा यहाँ से लगभग 20 किमी दूर स्थित नीले-हरे रंग की मानसरोवर झील लगभग 15,015 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। इस स्थान का बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के बीच भी बहुत महत्त्व है।

इस यात्रा के लिए भारतीय नागरिक ही पात्र हैं जिनके पास वैध भारतीय पासपोर्ट है। उत्तर प्रदेश शासन कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चयनित यात्रियों को एक लाख रुपये का अनुदान देगी। इस यात्रा में 19,500 फीट तक की ऊंचाई पर चलना, ख़राब मौसम और कठिन रास्ते का सामना करना पड़ता है। यात्रा प्रारंभ करने से पहले ही यात्रियों को शासन द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य परीक्षण करना आवश्यक है।