मंगला आरती दिन की सर्वप्रथम आरती है और यह प्रातः 3 बजे से 4 बजे के बीच संपन्न की जाती है। इस आरती में भाग लेने वाले सभी भक्तजनों को आराध्य के समीप जाकर पूजा करने की अनुमति दी जाती है।
मंगला आरती दिन की सर्वप्रथम आरती है और यह प्रातः 3 बजे से 4 बजे के बीच संपन्न की जाती है। इस आरती में भाग लेने वाले सभी भक्तजनों को आराध्य के समीप जाकर पूजा करने की अनुमति दी जाती है।
दोपहर की भोग आरती प्रतिदिन 11.15 बजे से 12.20 बजे के बीच की जाती है।
यह आरती प्रतिदिन संध्या काल में भिन्न गोत्रों के सात शास्त्री/पुरोहित द्वारा की जाती है।
यह आरती प्रतिदिन रात्रिकाल में 9 बजे से 10.15 बजे की जाती है।
अखंड दीप वह ज्योति है जो अनंत काल से दिन-रात लगातार जल रही है।